2023 में नवंबर महीने की अमावस्या की तिथि 15 नवंबर, शुक्रवार को है। अमावस्या को हिन्दू पंचांग में चंद्रमा का अभाव होता है और यह मान्यता है कि इस दिन ज्योतिष और धार्मिक कार्यों को करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा करने से धन और सुख की प्राप्ति होती है। अमावस्या को तीर्थयात्राएं करने, दान-पुण्य करने और श्राद्ध करने का भी महत्व है।
अमावस्या पर माता लक्ष्मी की पूजा कैसे करें:
– सफेद चादर पर स्थिर करके लक्ष्मी माता की मूर्ति स्थापित करें।
– पुष्प, दीप, धूप, अखंड ज्योति, नैवेद्य, फल और मिष्ठान्न समर्पित करें।
– लक्ष्मी मंत्र जप करें और स्तोत्र गाएं।
– पूजा के बाद आरती उतारें और प्रसाद बांटें।
अमावस्या पर शिव पूजा कैसे करें:
– शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
– बेल पत्र, धातूरा, अखंड दिया, धूप-दीप लगाएं।
– महामृत्युंजय मंत्र और शिव ताण्डव स्तोत्र का पाठ करें।
– पूजा के बाद आरती उतारें और प्रसाद चढ़ाएं।
अमावस्या पूजा के महत्वपूर्ण तिथियाँ:
- 04 जनवरी 2023 – चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या
- 02 फरवरी 2023 – माघ कृष्ण पक्ष अमावस्या
- 04 मार्च 2023 – फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस्या
- 01 अप्रैल 2023 – चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या
- 30 अप्रैल 2023 – वैशाख कृष्ण पक्ष अमावस्या
कुल मिलाकर, अमावस्या पूजा के समय धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
Frequently Asked Questions (FAQs) About Amavasya:
Q1: अमावस्या क्यों मानी जाती है?
A1: अमावस्या को चंद्रमा का अभाव होने के कारण ज्योतिष और धर्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
Q2: अमावस्या के दिन क्या न करें?
A2: अमावस्या के दिन किसी भी शुभ कार्य या शुभ संगतियों से बचना चाहिए।
Q3: अमावस्या पर किस देवी-देवता की पूजा करनी चाहिए?
A3: अमावस्या पर माता लक्ष्मी, भगवान शिव, और पितृदेवों की पूजा करनी चाहिए।
Q4: अमावस्या पूजा कितने बजे करनी चाहिए?
A4: अमावस्या पूजा को सन्ध्या काल में करना उत्तम माना जाता है।
Q5: अमावस्या व्रत की महिमा क्या है?
A5: अमावस्या व्रत ध्यान, तप, दान, और पाठ के माध्यम से शुभ फल देता है और पापों से मुक्ति प्रदान करता है।
इस तरह, अमावस्या के महत्व और प्रार्थना की विधि को ध्यान में रखकर आप इस शांति और समृद्धि के महापर्व का मान सकते हैं।